भारत की पहली बुलेट ट्रेन 2027 तक गुजरात में दौड़ेगी | Bullet Train Project India

 गुजरात में बुलेट ट्रेन का काम रफ्तार पर: 2027 तक पूरा होगा बड़ा सपना



भारत की पहली बुलेट ट्रेन का सपना हकीकत बनने की ओर

भारत में हाई-स्पीड बुलेट ट्रेन चलने का सपना अब ज़मीन पर आकार लेने लगा है, और इसमें गुजरात सबसे आगे है। मुंबई से अहमदाबाद तक बनने वाली 508 किलोमीटर लंबी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर का एक बड़ा हिस्सा गुजरात से होकर गुजरेगा, जहां पर निर्माण कार्य पूरी रफ्तार से जारी है। रेलवे मंत्रालय का दावा है कि वलसाड के वापी से लेकर अहमदाबाद के साबरमती तक का सेक्शन दिसंबर 2027 तक पूरा हो जाएगा, जबकि पूरी परियोजना 2029 तक पूरी होगी।

इस हाई-स्पीड रेल प्रोजेक्ट को जापान की तकनीकी मदद और भारत की राजनीतिक इच्छाशक्ति से आगे बढ़ाया जा रहा है।

कौन-कौन से शहर होंगे इस रूट में शामिल?

इस बुलेट ट्रेन का सफर तीन राज्यों और केंद्रशासित क्षेत्रों से होकर गुजरेगा:
महाराष्ट्र, गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली। इस रूट पर कुल 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं:

1. मुंबई


2. ठाणे


3. विरार


4. बोइसर


5. वापी


6. बिलीमोरा


7. सूरत


8. भरूच


9. वडोदरा


10. आनंद


11. अहमदाबाद


12. साबरमती



गुजरात में सबसे लंबा रूट है—लगभग 352 किलोमीटर, और यहीं पर सबसे तेज़ी से निर्माण कार्य भी हो रहा है।

खर्च और फंडिंग: जापान का साथ, भारत का आत्मविश्वास

इस पूरे प्रोजेक्ट की अनुमानित लागत है ₹1.08 लाख करोड़। इस भारी-भरकम राशि का 81% हिस्सा जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) फंड कर रही है। बाकी का 19% फंड भारत के रेलवे मंत्रालय और महाराष्ट्र व गुजरात सरकारें मिलकर उठा रही हैं:

रेलवे मंत्रालय: 50%

महाराष्ट्र सरकार: 25%

गुजरात सरकार: 25%


30 जून 2025 तक इस प्रोजेक्ट पर ₹78,839 करोड़ खर्च हो चुके हैं, जो दर्शाता है कि अब यह केवल योजना नहीं, एक ज़मीनी सच्चाई बन चुका है।

अब तक कितना काम हुआ है?

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में संसद में बताया कि अब तक:

392 किलोमीटर तक पिलर (पियर्स) खड़े हो चुके हैं

329 किलोमीटर के लिए गर्डर ढाले जा चुके हैं

308 किलोमीटर पर गर्डर लॉन्चिंग (इंस्टॉलेशन) भी पूरी हो चुकी है

इसके अलावा मुंबई के निकट 21 किलोमीटर की अंडर-सी टनल पर काम शुरू हो चुका है


कुल 28 में से 24 टेंडर पहले ही जारी किए जा चुके हैं, यानी कि ज़्यादातर निर्माण कार्यों की ज़िम्मेदारियां अब सौंप दी गई हैं।

आम आदमी के लिए भी सस्ती यात्रा

इस प्रोजेक्ट के बाद भारत सरकार अब अन्य हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर पर भी नजर रख रही है। NHSRCL (नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड) देश के अलग-अलग हिस्सों के लिए Detailed Project Report (DPR) तैयार कर रही है ताकि देश में और भी बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाए जा सकें।

निष्कर्ष: तेज़ी से बदलता भारत

बुलेट ट्रेन सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट नहीं है, यह भारत के बुनियादी ढांचे में क्रांति है। खासतौर पर गुजरात ने इस प्रोजेक्ट में नेतृत्व करते हुए यह दिखा दिया है कि अगर इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।

साल 2027 जब पहली बुलेट ट्रेन साबरमती तक दौड़ेगी, वह सिर्फ रफ्तार नहीं लाएगी, बल्कि एक नई सोच और तकनीकी युग की शुरुआत होगी।


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