आ रहा अब तक का सबसे बड़ा IPO: मुकेश अंबानी की बड़ी तैयारी, ₹52,200 करोड़ का होगा इश्यू!
भूमिका: दलाल स्ट्रीट पर इतिहास रचने की तैयारी
जब भी भारत के शेयर बाजार में कुछ बड़ा होने वाला होता है, सबकी नजरें मुकेश अंबानी और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ पर टिक जाती हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। अंबानी की दूरदर्शिता और बाजार को समझने की क्षमता एक बार फिर सुर्खियों में है, क्योंकि देश के अब तक के सबसे बड़े IPO की तैयारी ज़ोरों पर है।
जन्म: आइडिया से शुरुआत
साल 2016 में जब जियो (Jio) लॉन्च हुआ, किसी ने नहीं सोचा था कि यह कंपनी कुछ ही वर्षों में भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनियों में शुमार हो जाएगी। सस्ते डाटा प्लान, मुफ्त कॉलिंग और डिजिटल सेवाओं की झड़ी ने Jio को हर भारतीय के मोबाइल में जगह दिला दी।
Jio सिर्फ एक टेलीकॉम कंपनी नहीं रही, यह एक डिजिटल इकोसिस्टम बन गई – जिसमें Jio Cinema, Jio Saavn, Jio Mart, और अब AI और 5G टेक्नोलॉजी के प्रयोग तक सब कुछ शामिल है।
विकास: कंपनी का विस्तार और ग्लोबल निवेश
2020 में, जब दुनिया कोविड महामारी से जूझ रही थी, Jio ने निवेश के क्षेत्र में बड़ा धमाका किया। Facebook (अब Meta), Google, KKR, Silver Lake जैसे ग्लोबल दिग्गजों ने Jio Platforms में $20 अरब (लगभग ₹1.5 लाख करोड़) से ज़्यादा का निवेश किया। इसने कंपनी की वैल्यूएशन को $58 अरब तक पहुंचा दिया।
इस निवेश ने रिलायंस और जियो को दुनिया भर में प्रतिष्ठा दिलाई और अंबानी की योजना और प्रबंधन क्षमता की पुष्टि की।
IPO की घोषणा: दलाल स्ट्रीट पर हलचल
अब खबर है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज़ Jio Infocomm का 5% हिस्सा पब्लिक को बेचकर ₹52,200 करोड़ जुटाने की तैयारी कर रही है। यह रकम देश के अब तक के सबसे बड़े IPO — LIC के ₹21,000 करोड़ इश्यू — से दुगनी से भी अधिक होगी।
विश्लेषकों का कहना है कि यह IPO न केवल रिलायंस को डिजिटल क्षेत्र में और सशक्त बनाएगा, बल्कि भारत के पूंजी बाज़ार को वैश्विक निवेशकों के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा।
आँकड़े और तथ्य:
प्रस्तावित हिस्सेदारी: 5%
जुटाई जाने वाली राशि: ₹52,200 करोड़ ($6 Billion लगभग)
अनुमानित कुल वैल्यूएशन: $100–136 Billion
संभावित वर्ष: 2026 (SEBI से मंजूरी के बाद)
SEBI की बाधा और प्रस्तावित छूट
SEBI के नियमों के मुताबिक, किसी कंपनी को कम से कम 25% हिस्सेदारी सार्वजनिक करनी होती है। लेकिन रिलायंस चाहती है कि इस नियम में छूट मिले, क्योंकि इतनी बड़ी राशि को एक साथ बाज़ार में समाहित करना संभव नहीं होगा।
इसलिए रिलायंस ने SEBI से अपील की है कि वो उन्हें केवल 5% हिस्सेदारी के साथ इश्यू लाने की अनुमति दे। SEBI की प्रतिक्रिया और नियामकीय स्वीकृति इस IPO की दिशा तय करेगी।
एक्सपर्ट की राय:
नितिन बगड़िया, मार्केट एनालिस्ट कहते हैं:
> "Jio का IPO भारतीय बाजार के लिए केवल एक शेयर बिक्री नहीं है, यह भारत के डिजिटल परिवर्तन का प्रतीक बन सकता है। अगर यह सफल होता है, तो यह अन्य भारतीय टेक कंपनियों को भी प्रेरित करेगा।"
अंजलि मेहरा, फाइनेंशियल स्ट्रैटजिस्ट कहती हैं:
> "अगर इतनी बड़ी राशि केवल 5% हिस्सेदारी से आ सकती है, तो सोचिए कंपनी का कुल मूल्यांकन क्या होगा। यह बाजार में निवेशकों के विश्वास का प्रमाण है।"
निष्कर्ष: 'बाप' है ये IPO, सिर्फ नाम से नहीं, आकार और असर से भी
इस IPO को केवल एक शेयर इश्यू समझना भूल होगी। यह भारत के डिजिटल युग में प्रवेश की अगली सीढ़ी है। यह रिलायंस और मुकेश अंबानी के लिए एक नया अध्याय है, जहां वे टेलीकॉम से आगे बढ़कर टेक्नोलॉजी और डिजिटल इकोसिस्टम के नेतृत्व में शामिल होना चाहते हैं।
Jio का यह IPO भारत की वित्तीय और तकनीकी दुनिया में एक बड़ा मोड़ ला सकता है — और यही वजह है कि इसे 'सबका बाप IPO' कहा जा रहा है।
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