महावतार नरसिंह: सिर्फ एक फिल्म नहीं, आत्मजागरण की यात्रा
महावतार नरसिंह एक पौराणिक फिल्म नहीं, बल्कि एक गहरी आध्यात्मिक यात्रा है। यह भगवान विष्णु के नरसिंह अवतार और भक्त प्रह्लाद की अमर कथा के साथ आज के समय की वास्तविकता को जोड़ती है।
फिल्म का उद्देश्य केवल कथा दिखाना नहीं, बल्कि दर्शकों को धर्म, भक्ति और आत्मज्ञान के नए दृष्टिकोण से परिचित कराना है।
मुख्य बातें:
निर्देशक योगी हरिहरानंद के अनुसार, फिल्म “जागृति का माध्यम” है।
कहानी में भक्त प्रह्लाद, हिरण्यकश्यप और नरसिंह अवतार के माध्यम से अहंकार और भक्ति की टक्कर को दिखाया गया है।
यह फिल्म आधुनिक समस्याओं — जैसे अहंकार, सत्ता का दुरुपयोग और आत्मभ्रम — से भी जुड़ती है।
तकनीकी पक्ष:
फिल्म की शूटिंग उत्तराखंड और केरल की सुंदर प्राकृतिक लोकेशनों पर हुई है।
संगीत में वेद मंत्र और सूफी संगीत का अद्भुत मिश्रण है।
VFX का प्रयोग संतुलित और जरूरी जगहों पर ही किया गया है।
क्या बनाता है इसे खास:
यह फिल्म धर्म को कट्टरता नहीं, प्रेम और आत्मबोध के रूप में दिखाती है।
परिवार के साथ देखने योग्य और बच्चों के लिए शिक्षाप्रद है।
आध्यात्म और विज्ञान के बीच संतुलन बैठाने वाली पहली भारतीय फिल्म मानी जा रही है।
निष्कर्ष:
महावतार नरसिंह सिर्फ एक कहानी नहीं, एक संदेश है — कि सच्ची शक्ति बाहर नहीं, हमारे भीतर है। यह फिल्म हर उम्र और हर सोच के व्यक्ति को कुछ न कुछ दे सकती है।
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